RPSC RAS Mains Exam Syllabus 2023 in Hindi
RAS की प्रारम्भिक परीक्षा पास करने के बाद RPSC RAS मुख्य परीक्षा का आयोजन करता है । RAS की Prelims exam में Cutoff marks Secure करने वाले Candidate अगले चरण की मुख्य परीक्षा मे शामिल किये जाते है ।
RAS की मुख्य परीक्षा में कुल 200×4=800 अंक के चार paper होते है । प्रत्येक परीक्षा पत्र 200 अंक का होता है , RAS परीक्षा का परिणाम इसी आधार पर तैयार किया जाता है तथा सफल Candidate को अगले चरण में Interview के लिए बुलाया जाता है , जो की 100 अंक का होता है ।
इस प्रकार से कुल 900 अंको में सें सफल RAS Candidates का चयन कर परिणाम घोषित कर दिया जाता हैं ।
RAS Mains Syllabus । Paper 1:- सामान्य अध्ययन-I
इकाई 1 – इतिहास
खंड अ – राजस्थान का इतिहास, कला, संस्कृति, साहित्य परम्परा और धरोहर
प्रागैतिहासिक काल से 18 वीं शताब्दी के अवसान तक राजस्थान के इतिहास के प्रमुख सोपान, महत्वपूर्ण राजवंश उनकी प्रशासनिक एवं राजस्व व्यवस्था।
19 वी 20वीं शताब्दी की प्रमुख घटनाएं: किसान एवं जनजाति आन्दोलन, राजनीतिक जागृति स्वतन्त्रता संग्राम और एकीकरण।
राजस्थान की धरोहर: प्रदर्शन व ललित कलाएं हस्तशिल्प व वास्तुशिल्प मेले, पर्व, लोक संगीत व लोक नृत्य।
राजस्थानी साहित्य की महत्वपूर्ण कृतियाँ एवं राजस्थान की बोलियाँ।
राजस्थान के संत लोक देवता एवं महत्वपूर्ण विभूतियाँ।
खंड ब – भारतीय इतिहास एवं संस्कृति
भारतीय धरोहर: सिन्धु सभ्यता से लेकर ब्रिटिश काल तक के भारत की ललित कलाएँ, प्रदर्शन कलाएँ, वास्तु परम्परा एवं साहित्य।
प्राचीन एवं मध्यकालीन भारत के धार्मिक आन्दोलन और धर्म दर्शन।
19वीं शताब्दी के प्रारंभ से 1965 ईस्वी तक आधुनिक भारत का इतिहास: महत्वपूर्ण घटनाक्रम, व्यक्तित्व और मुद्दे।
भारत का राष्ट्रीय आन्दोलन इसके विभिन्न चरण व धाराएं प्रमुख योगदानकर्ता और – देश के भिन्न भिन्न भागों से योगदान।
19वी 20वीं शताब्दी में सामाजिक धार्मिक सुधार आन्दोलन।
स्वातंत्र्योत्तर सुदृढीकरण और पुनर्गठन- देशी रियासतों का विलय तथा राज्यों का भाषायी आधार पर पुनर्गठन।
खंड स – आधुनिक विश्व का इतिहास (1950 ईस्वी तक)
पुनर्जागरण व धर्म सुधार
प्रबोधन व औद्योगिक क्रांति
एशिया व अफ्रीका में साम्राज्यवाद और उपनिवेशवाद।
विश्व युद्धों का प्रभाव।
इकाई 2 – अर्थव्यवस्था
खण्ड अ – भारतीय अर्थशास्त्र
अर्थव्यवस्था के प्रमुख क्षेत्र: कृषि, उद्योग और सेवा- वर्तमान स्थिति, मुद्दे एवं पहल
बैंकिंग: मुद्रा-पूर्ति और उच्चाधिकार प्राप्त मुद्रा की अवधारणा, केन्द्रीय बैंक एवं वाणिज्य बैंकों की भूमिका एवं कार्यप्रणाली अनर्जक परिसंपत्ति वित्तीय समावेशन, मौद्रिक नीति अवधारणा, उद्देश्य और साधन।
लोक वित्तः भारत में कर सुधार प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष कर परिदान, नकद हस्तांतरण और अन्य संबंधी मुद्दे, भारत की वर्तमान राजकोषीय नीति।
भारतीय अर्थव्यवस्था में हाल के रूझान: विदेशी पूंजी की भूमिका, बहुराष्ट्रीय कंपनियां, सार्वजनिक वितरण प्रणाली, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश निर्यात- आयात नीति, 12 वित्त आयोग, गरीबी उन्मूलन योजनाएं।
खण्ड ब – वैश्विक अर्थव्यवस्था
वैश्विक आर्थिक मुद्दे और प्रवृत्तियाँ विश्व बैंक, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व व्यापार
संगठन की भूमिका विकासशील, उभरते और विकसित देशों की संकल्पना।
वैश्विक परिदृश्य में भारत।
खण्ड स – राजस्थान की अर्थव्यवस्था
राजस्थान के विशेष संदर्भ में कृषि, बागवानी, डेयरी और पशुपालन
औद्योगिक क्षेत्र संवृद्धि और हाल के रूझान
राजस्थान के विशेष संदर्भ में संवृद्धि विकास और आयोजना।
राजस्थान के सेवा क्षेत्र में वर्तमान में हुए विकास एवं मुद्दे।
राजस्थान की प्रमुख विकास परियोजनाएं- उनके उद्देश्य और प्रभाव।
राजस्थान में आर्थिक परिवर्तन के लिए सार्वजनिक निजी भागीदारी मॉडल।
राज्य का जनांकिकी परिदृश्य और राजस्थान की अर्थव्यवस्था पर इसका प्रभाव।
इकाई 3 – समाजशास्त्र, प्रबंधन, लेखांकन एवं अंकेक्षण
खण्ड अ – समाजशास्त्र
भारत में समाजशास्त्रीय विचारों का विकास
सामाजिक मूल्य
जाति वर्ग और व्यवसाय
संस्कृतिकरण
वर्ण, आश्रम, पुरुषार्थ एवं संस्कार व्यवस्था
धर्म निरपेक्षता
मुद्दे एवं सामाजिक समस्याएं
राजस्थान के जनजातीय समुदाय – भील, मीणा एवं गरासिया
खण्ड ब – प्रबंधन
प्रबंधन – क्षेत्र, अवधारणा, प्रबंधन के कार्य योजना आयोजन, स्टाफ, निर्देशन, समन्वय और नियंत्रण, निर्णय लेना: अवधारणा, प्रक्रिया और तकनीक।
विपणन की आधुनिक अवधारणा, विपणन मिश्रण- उत्पाद, मूल्य, स्थान और संवर्धन
धन के अधिकतमकरण की अवधारणा एवंम उद्देश्य, वित्त के स्त्रोत- छोटी और लंबी अवधि, पूंजी संरचना, पूंजी की लागत
नेतृत्व और प्रेरणा की अवधारणा और मुख्य सिद्धांत, संचार प्रक्रिया, भर्ती, चयन, प्रेरण, प्रशिक्षण एवं विकास और मूल्यांकन प्रणाली के मूल सिद्धांत
खण्ड स – लेखांकन एवं अंकेक्षण
वित्तीय विवरण विश्लेषण की तकनीक, कार्यशील पूंजी प्रबंधन के मूल सिद्धांत, जवाबदेही और सामाजिक लेखांकन
अंकेक्षण का अर्थ एवं उद्देश्य, आंतरिक नियंत्रण, सामाजिक, प्रदर्शन और कार्यकुशलता अंकेक्षण।
विभिन्न प्रकार के बजट एवं उनके मूल सिद्धांत, बजटीय नियंत्रण
RAS Mains Syllabus । Paper 2:- सामान्य अध्ययन-II
इकाई 1 – प्रशासकीय नीतिशास्त्र
नीतिशास्त्र एवं मानवीय मूल्य – महापुरूषों, समाज सुधारकों तथा प्रशासकों के जीवन से प्राप्त शिक्षा। परिवार, सामाजिक एवं शैक्षणिक संस्थाओं का मानवीय मूल्यों के पोषण में योगदान
नैतिक समप्रत्यय – ऋत एवं ऋण, कर्त्तव्य की अवधारणा, शुभ एवं सद्गुण
निजी एवं सार्वजनिक संबंधों में नीतिशास्त्र की भूमिका प्रशासकों का आचरण, मूल्य एवं राजनैतिक अभिवृत्ति – सत्यनिष्ठा का दार्शनिक आधार।
भगवद् गीता का नीतिशास्त्र एवं प्रशासन में इसकी भूमिका।
गांधी का नीतिशास्त्र।
भारतीय एवं विश्व के नैतिक चिंतकों एवं दार्शनिकों का योगदान।
तनाव प्रबंधन।
उपरोक्त विषयों पर आधारित केस अध्ययन।
संवेगात्मक बुद्धि-अवधारणाएं एवं उनकी उपयोगिताएं।
इकाई 2 – सामान्य विज्ञान एवं तकनीकी
नैनो तकनीकी-संकल्पना तथा उसके अनुप्रयोग, भारत का नैनो मिशन
नाभिकीय तकनीकी आधारभूत संकल्पना, रेडियोऐक्टिवता तथा उसके अनुप्रयोग, विभिन्न – प्रकार के नाभिकीय रिएक्टर, असैन्य तथा सैन्य उपयोग, भारत में नाभिकीय तकनीकी विकास के लिए संस्थागत संरचना
दूरसंचार आधारभूत संकल्पना, आमजन के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए दूरसंचार का अनुप्रयोग, भारतीय दूरसंचार उद्योग संक्षिप्त इतिहास सहित भारतीय दूरसंचार नीति तथा टेलीकॉम रेग्यूलेटरी अर्थोरटी ऑफ इण्डिया
विद्युतचुम्बकीय तरंगें, संचार व्यवस्था कम्प्यूटर के आधारभूत तत्व, प्रशासन में सूचना तकनीकी, ई-गवर्नेस, ई-वाणिज्य (ई-कॉमर्स) का उपयोग।
रक्षा: भारतीय मिसाइल कार्यक्रम के संदर्भ में मिसाइल के प्रकार, विभिन्न रासायनिक और जैविक हथियार, DRDO की विभिन्न क्षेत्रों ( हथियार के अतिरिक्त) में भूमिका।
द्रव्य की अवस्थाएँ।
कार्बन के अपररूप।
pH मापक्रम तथा pH का दैनिक जीवन में महत्व।
संक्षारण तथा उसका निवारण।
उत्प्रेरक।
साबुन और अपमार्जक – साबुन की शोधन क्रिया
बहुलक तथा उनके उपयोग।
मानव के पाचन, श्वसन, परिसंचरण, उत्सर्जन, समन्वयन एवं जनन तंत्रों की सामान्य जानकारी।
जैव प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग एवं उससे सम्बद्ध नीतिपरक एवं बौद्धिक संपदा अधिकार से संबंधित मुद्दे।
भोजन एवं मानव स्वास्थ्य संतुलित एवं असंतुलित भोजन, कुपोषण; मादक पदार्थ; रक्त, रक्त समूह एवं रोधक्षमता (प्रतिजन एवं प्रतिरक्षी), रक्ताधान; प्रतिरक्षीकरण एवं टीकाकरण; की सामान्य जानकारी।
मानव रोग: संचरणीय एवं असंचरणीय रोग; तीव्र एवं चिरकाली रोग, संक्रामक, आनुवांशिक एवं जीवन शैली से उत्पन्न रोगों के कारण एवं निवारण।
जल की गुणवत्ता एवं जल शोधन।
राजस्थान राज्य के विशेष संदर्भ में सार्वजनिक स्वास्थ्य उपक्रम।
विज्ञान एवं टेक्नोलॉजी में भारतीय वैज्ञानिकों का योगदान।
पारिस्थितिक तंत्र: संरचना एवं कार्य।
वातावरण संघटक एवं मूलभूत पोषण चक्र ( नाइट्रोजन, कार्बन एवं जल चक्र)
जलवायु परिवर्तन; नवीनीकरणीय एवं अनवीकरणीय ऊर्जा।
वातावरणीय प्रदूषण एवं निम्नीकरण; अपशिष्ट प्रबंधन।
राजस्थान राज्य के विशेष संदर्भ में जैव विविधता एवं उसका संरक्षण
राजस्थान राज्य की पारंपरिक प्रणालियों के विशेष संदर्भ में जल संरक्षण
राजस्थान राज्य के विशेष संदर्भ में कृषि विज्ञान, उद्यान-विज्ञान, वानिकी, डेयरी एवं पशुपालन।
इकाई 3 – पृथ्वी विज्ञान (भूगोल एवं भू-विज्ञान)
खण्ड अ – विश्व
प्रमुख भौतिक भू-आकृतियाँ: पर्वत, पठार, मैदान, झीलें एवं हिमनद
भूकंप एवं ज्वालामुखी प्रकार वितरण एवं उनका प्रभाव
पृथ्वी एवं भूवैज्ञानिक समय सारिणी
समसामयिक भू-राजनीतिक समस्याएं
खण्ड ब – भारत
प्रमुख भौतिकः पर्वत, पठार, मैदान, झीलें एवं हिमनद
भारत के प्रमुख भू-आकृतिक प्रदेश
जलवायु: मानसून की उत्पत्ति, ऋतुओं के अनुसार जलवायु दशायें, वर्षा का वितरण एवं जलवायु प्रदेश।
प्राकृतिक संसाधनः
(क) जल, वन एवं मृदा संसाधन (ख) शैल एवं खनिज प्रकार एवं उनका उपयोग
जनसंख्या वृद्धि, वितरण, घनत्व, लिंगानुपात, साक्षरता, नगरीय एवं ग्रामीण जनसंख्या
खण्ड स – राजस्थान
प्रमुख भौतिक भू-आकृतियाँ: पर्वत, पठार, मैदान, नदियाँ एवं झीलें
प्रमुख भू-आकृतिक प्रदेश
प्राकृतिक वनस्पति एवं जलवायु
पशुपालन, जंगली जीव-जन्तु एवं उनका संरक्षण
कृषि – प्रमुख फसलें
खनिज संसाधन:
(क) धात्विक खनिजः प्रकार, वितरण एवं उनका औद्योगिक उपयोग (ख) अधात्विक खनिजः प्रकार वितरण एवं उनका औद्योगिक उपयोग
ऊर्जा संसाधनः परम्परागत एवं गैर परम्परागत स्त्रोत
जनसंख्या एवं जनजातियाँ
RAS Mains Syllabus । Paper 3:- सामान्य अध्ययन-III
इकाई 1 – भारतीय राजनीतिक व्यवस्था, विश्व राजनीति एवं समसामयिक मामले
भारतीय संविधान निर्माण, विशेषताएँ, संशोधन, मूल ढाँचा
वैचारिक सत्व: उद्देशिका, मूल अधिकार राज्य नीति के निदेशक तत्व, मूल कर्तव्य
संस्थात्मक ढाँचा 1: संसदीय प्रणाली, राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री एवं मंत्री परिषद्, संसद
संस्थात्मक ढाँचा 2: संघवाद केन्द्र राज्य संबंध, उच्चतम न्यायालय, उच्च न्यायालय, न्यायिक पुनरावलोकन, न्यायिक सक्रियता।
संस्थात्मक ढाँचा 3: भारत निर्वाचन आयोग, नियंत्रक एवं महा लेखा परीक्षक, संघ लोक सेवा आयोग, नीति आयोग, केन्द्रीय सतर्कता आयोग केन्द्रीय सूचना आयोग, राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग
राजनीतिक गत्यात्मकताएँ : भारतीय राजनीति में जाति, धर्म, वर्ग, नृजातीयता, भाषा एवं लिंग की भूमिका, राजनीतिक दल एवं मतदान व्यवहार, नागरिक समाज एवं राजनीतिक आंदोलन, राष्ट्रीय अखंडता एवं सुरक्षा से जुड़े मुद्दे, सामाजिक- राजनीतिक संघर्ष के संभावित क्षेत्र।
राजस्थान की राज्य – राजनीति: दलीय प्रणाली राजनीतिक जनांकिकी, राजस्थान में राजनीतिक प्रतिस्पर्द्धा के विभिन्न चरण, पंचायती राज एवं नगरीय स्वशासन संस्थाएँ।
शीत युद्धोत्तर दौर में उदीयमान विश्व व्यवस्था, संयुक्त राज्य अमरिका का वर्चस्व एवं इसका प्रतिरोध, संयुक्त राष्ट्र एवं क्षेत्रीय संगठन, अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद एवं पर्यावरणीय मुद्दे।
भारत की विदेश नीति: उद्विकास, निर्धारक तत्व, संयुक्त राज्य अमरिका, चीन, रूस एवं यूरोपीय संघ के साथ भारत के संबंध, संयुक्त राष्ट्र, गुट निरपेक्ष आंदोलन, ब्रिक्स, जी- 20, जी – 77 एवं सार्क में भारत की भूमिका
दक्षिण एशिया, दक्षिण-पूर्व एशिया एवं पश्चिम एशिया में भू-राजनीतिक एवं रणनीतिक विकास तथा उनका भारत पर प्रभाव।
समसामयिक मामले: राजस्थान राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय महत्व की समसामयिक घटनाएं, व्यक्ति एवं स्थान, खेलकूद से जुड़ी हाल की गतिविधियाँ।
इकाई 2 – लोक प्रशासन एवं प्रबंधन की अवधारणाएँ, मुद्दे एवं गत्यात्मकता
प्रशासन एवं प्रबंध- अर्थ, प्रकृति एवं महत्व, विकसित एवं विकासशील समाजों में लोक प्रशासन की भूमिका, एक विषय के रूप में लोक प्रशासन का विकास, नवीन लोक प्रशासन, लोक प्रशासन के सिद्धांत।
अवधारणाएँ – शक्ति, सत्ता, वैधता, उत्तरदायित्व एवं प्रत्यायोजन
संगठन के सिद्धांत – पदसोपान, नियंत्रण का क्षेत्र एवं आदेश की एकता।
प्रबंधन के कार्य निगमित शासन एवं सामाजिक उत्तरदायित्व
लोक प्रबंधन के नवीन आयाम परिवर्तन का प्रबंधन
लोक सेवा के आधारभूत मूल्य एवं अभिवृत्ति- लोक सेवा सत्यनिष्ठा, निष्पक्षता, गैरपक्ष, धरता एवं समर्पण, सामान्यज्ञ एवं विशेषज्ञ संबंध।
प्रशासन पर विधायी एवं न्यायिक नियंत्रण – विधायी एवं न्यायिक नियंत्रण की विभिन्न
पद्धतियाँ एवं तकनीक
राजस्थान में प्रशासनिक ढाँचा एवं प्रशासनिक संस्कृति राज्यपाल, मुख्यमंत्री, मंत्रीपरिषद, राज्य सचिवालय एवं मुख्य सचिव
जिला प्रशासन – संगठन, जिलाधीश एवं पुलिस अधीक्षक की भूमिका, उपखण्ड एवं तहसील प्रशासन
प्रशासनिक विकास – अर्थ, क्षेत्र एवं विशेषताएँ
राज्य मानवाधिकार आयोग, राज्य निर्वाचन आयोग, राज्य वित्त आयोग, लोकायुक्त, राजस्थान लोक सेवा आयोग एवं राजस्थान लोक सेवा अधिनियम, 2011।
ईकाई 3- खेल एवं योग, व्यवहार एवं विधि
खण्ड अ – खेल एवं योग
भारत में खेलों की नीतियां।
राजस्थान राज्य क्रीडा परिषद।
राष्ट्रीय खेल पुरस्कार ( अर्जुन पुरस्कार, द्रोणाचार्य पुरस्कार, राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार, महाराणा प्रताप पुरस्कार इत्यादि) सकारात्मक जीवन पद्धति योगा।
भारत के श्रेष्ठ खिलाडी।
खेलों में प्राथमिक उपचार।
भारतीय खिलाडियों की ओलम्पिक में भागीदारी एवं पैरा ओलम्पिक खेल।
खण्ड ब – व्यवहार
बुद्धि: संज्ञानात्मक बुद्धि, सामाजिक बुद्धि, संवेगात्मक बुद्धि, सांस्कृतिक बुद्धि और हॉवर्ड गार्डनर का विविध बुद्धि सिद्वान्त।
व्यक्तित्व: मनोविश्लेषण सिद्वान्त, शीलगुण व प्रकार सिद्धान्त, व्यक्तित्व निर्धारण के कारक और व्यक्तित्व मापन विधियाँ
अधिगम और अभिप्रेरणा: अधिगम की शैलियां, स्मृति के मॉडल और विस्मृति के कारण अभिप्रेरणा के वर्गीकरण व प्रकार, कार्य अभिप्रेरणा के सिद्धान्त और अभिप्रेरणा का मापन
जीवन की चुनौतियों का सामना करना: तनाव: प्रकृति प्रकार कारण, लक्षण, प्रभाव, तनाव प्रबंधन और सकारात्मक स्वास्थ्य का प्रोत्साहन।
खण्ड स – विधि
विधि की अवधारणा – स्वामित्व एवं कब्जा, व्यक्तित्व, दायित्व, अधिकार एवं कर्त्तव्य।
वर्तमान विधिक मुद्दे – सूचना का अधिकार, सूचना प्रौद्योगिकी विधि साइबर अपराध सहित (अवधारणा, उद्देश्य, प्रत्याशायें), बौद्धिक सम्पदा अधिकार (अवधारणा, प्रकार एवं उद्देश्य )।
स्त्रियों एवं बालकों के विरूद्ध अपराध- घरेलू हिंसा, कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न, लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम, 2012, बाल श्रमिकों से संबंधित विधि।
राजस्थान में महत्वपूर्ण भूमि विधियां
(क) राजस्थान भू राजस्व अधिनियम, 1956 (ख) राजस्थान काश्तकारी अधिनियम, 1955
RAS Mains Syllabus। Paper 4:- सामान्य हिंदी और सामान्य अंग्रेजी
ईकाई 1 – सामान्य हिन्दी: (कुल अंक 120)
इस प्रश्न पत्र का उद्देश्य अभ्यर्थी की भाषा-विषयक क्षमता तथा उसके विचारों की सही, स्पष्ट एवं प्रभावपूर्ण अभिव्यक्ति की परख करना है।
खण्ड अ ( अंक 50 )
संधि एवं संधि-विच्छेद दिए हुए शब्दों की संधि करना और संधि विच्छेद करना
उपसर्ग- सामान्य ज्ञान, उपसर्गों से शब्दों की संरचना तथा शब्दों में से उपसर्ग एवं शब्द पृथक् करना
प्रत्यय- सामान्य ज्ञान, दिए हुए प्रत्ययों से शब्द बनाना और शब्दों में से शब्द एवं प्रत्यय पृथक् करना
पर्यायवाची शब्द
विलोम शब्द
समश्रुत भिन्नार्थक शब्द दिए हुए शब्द-युग्म का अर्थ- भेद
वाक्यांश के लिए सार्थक शब्द
शब्द शुद्धि
वाक्य शुद्धि
मुहावरे- मुहावरों का वाक्य में सटीक प्रयोग
कहावत / लोकोक्ति- केवल भावार्थ
पारिभाषिक शब्दावली – प्रशासन से संबंधित अंग्रेजी शब्दों के समानार्थ हिन्दी पारिभाषिक शब्द
खण्ड ब (अंक 50)
संक्षिप्तीकरण- गद्यावतरण का उचित शीर्षक एवं लगभग एक-तिहाई शब्दों में संक्षिप्तीकरण (गद्यावतरण की शब्द सीमा लगभग 100 शब्द)
पल्लवन- किसी सूक्ति, काव्य पंक्ति, प्रसिद्ध कथन आदि का भाव विस्तार ( शब्द सीमा- लगभग 100 शब्द )
पत्र लेखन- सामान्य कार्यालयी पत्र कार्यालय आदेश, अर्धशासकीय पत्र, अनुस्मारक
प्रारूप लेखन- अधिसूचना, निविदा, परिपत्र, विज्ञप्ति दिए हुए अंग्रेजी अनुच्छेद का हिंदी में अनुवाद
अनुवाद- (शब्द सीमा- लगभग 75 शब्द )
खण्ड स (अंक 20)
किसी सामयिक एवं अन्य विषय पर निबंध लेखन ( शब्द सीमा लगभग – 250 शब्द)
ईकाई 2 – General English: Total marks 80
Part A – Grammar & Usage (20 Marks)
Correction of Sentences: 10 sentences for correction with errors
Articles & Determiners
Prepositions
Tenses & Sequence of Tenses
Modals
Voice- Active & Passive
Narration- Direct & Indirect
Synonyms & Antonyms
Phrasal Verbs & Idioms
One Word Substitute
Words often Confused or Misused
Part B -Comprehension, Translation & Precis Writing (30 Marks)
Comprehension of an Unseen Passage (250 Words approximately). 05 Questions based on the passage. Question No. 05 should preferably be on vocabulary.
Translation of five sentences from Hindi to English.
Precis Writing (a short passage of approximately 150-200 words)
Part C – Composition & Letter Writing (30 Marks)
Paragraph Writing- Any 01 paragraph out of 03 given topics (approximately 200 words)
Elaboration of a given theme (Any 1 out of 3, approximately 150 words)
Letter Writing or Report Writing (approximately 150 words)
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