समास रचना और समास के प्रकार व परिभाषा - vidyahindi

Abhishek Jain
0

भाषा को सशक्त और प्रभावपूर्ण बनाने के लिए समास एक महत्वपूर्ण व्याकरणिक उपकरण है । वस्तुतः समास का संबंध भाषागत संक्षेपन कला से है ।

मेरा यह Article विद्यालय में पढ़ रहे छात्र - छात्राओं तथा विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओ की तैयारी कर रहें अभियार्थियो के लिए लाभदायक सिद्ध होगा ।

अत: मन लगाकर मेहनत करो और उदाहरण रटने की बजाय आप concept clear करने पर ध्यान दो ।

समास के प्रकार - हिन्दी व्याकरण

समास की परिभाषा - "एक दूसरे के निकटस्थ दो या दो से अधिक शब्द मिलकर जब एक सार्थक शब्द बनाते हैं, तो उसे समास कहते हैं ।"

समास-विग्रह - सामासिक पद को अलग-अलग करके लिखना समास-विग्रह कहलाता है ।

जैसे -: गंगाजल - गंगा का जल

सामासिक पद - समास प्रक्रिया के बाद जो शब्द निर्मित होते हैं , उन्हें समासिक पद कहते हैं ।

समास के भेद - समास 6 प्रकार के होते हैं -

1. तत्पुरुष समास

2. कर्मधारय समास

3. द्विगु समास

4. द्वन्द्व समास

5. अव्ययीभाव समास

6. बहुव्रीही समास

समास के भेदो की व्याख्या

1. तत्पुरुष समास -: तत्पुरुष समास में पूर्व पद गौण व उत्तरपद प्रधान होता है । इस समास के दोनों पद संज्ञा होते हैं । पूर्व पद के साथ कर्त्ता व संबोधन को छोड़कर कर्म कारक से लेकर अधिकरण कारक तक की विभक्तियों का लोप रहता है ।

इस आधार पर तत्पुरुष समास के छः भेद होते है , जिन्हे कर्म - तत्पुरुष , करण - तत्पुरुष आदी कहकर संबोधित करते है ।

तत्पुरुष समास के उदाहरण

1. गगनचुंबी - गगन को चूमने वाला (कर्म-तत्पुरुष )

2. प्रज्ञाहीन - प्रज्ञा से हीन ( करण - तत्पुरुष )

3. रसोईघर - रसोई के लिए घर (सम्प्रदान-तत्पुरुष)

4. रोगमुक्त - रोग से मुक्त ( अपादान - तत्पुरुष )

5. विद्यालय - विद्या का आलय ( सम्बन्ध- तत्पुरुष)

6. नरश्रेष्ठ - नरों में श्रेष्ठ ( अधिकरण - तत्पुरुष)

2. कर्मधारय समास - इस समास में भी दूसरा पद ( उत्तर पद ) प्रधान होता है ,किंतु पहला पद ( पूर्व पद) विशेषण तथा दूसरा पद विशेष्य (संज्ञा) होता है अथवा एक पद उपमान तथा द्वितिय पद उपमेय होता है ।

कर्मधारय समास के उदाहरण

1. श्वेताम्बर - श्वेत है जो अम्बर

2. महापुरुष - महान है जो पुरुष

3. पीताम्बर - पीला है जो वस्त्र

4. महर्षि - महान है जो ऋषि

3. द्विगु समास - जिस समास का एक पद संख्यावाचक विशेषण होता है तथा पूर्वपद प्रधान होता है , उसे द्विगु समास कहते हैं ।

द्विगु समास के उदाहरण

1. त्रिलोक - तीन लोकों का समूह

2. सतसई - सात सौ दोहों का समाहार

3. सप्ताह - सात दिनों का समूह

4. द्वन्द्व समास - जिस समास में दोनों पदों की प्रधानता होती है , जिसमें जोड़ने वाले अवयव और का लोप होता है उसे द्वंद्व समास कहते हैं ।

द्वन्द्व समास के उदाहरण

1. रात-दिन - रात और दिन

2. राजा-रानी - राजा और रानी

3. दाल-रोटी - दाल और रोटी

5. अव्ययीभाव समास - जिस समास में पहला पद प्राय: अव्यय व दूसरा पद संज्ञा होता है और पूरा समासिक पद क्रियाविशेषण अव्यय होता है , उसे अव्ययीभाव समास कहते हैं ।

अव्ययीभाव समास के उदाहरण

1. यथाशक्ति - शक्ति के अनुसार

2. भरपेट - पेट भरकर

3. दिनभर - सारे दिन

4. प्रतिवर्ष - वर्ष - वर्ष

6. बहुव्रीहि समास - जिस समास में दोनों पदों में से कोई भी पद प्रधान नहीं होता ,अपितु अन्य पद प्रधान होता है , वहां बहुव्रीहि समास होता है ।

बहुव्रीहि समास के उदाहरण

1. महावीर - महान् है जो वीर - भगवान महावीर

2. लम्बोदर - लम्बा है उदर जिसका अर्थात् गणेश

3. दशानन - दस है आनन जिसके (रावण)

4. वीणापाणि - वीणा है जिसके पाणि (हाथ) में अर्थात् सरस्वती माता ।

इस प्रकार से ये थे समास रचना के नियम , समास की परिभाषा और समास विग्रह के प्रकार ।

(नोट -: यह post बनाने में पूर्णतः सावधानी बरती गई है परन्तु फिर भी त्रुटी की संभावना रह जाती है अतः इस website पर प्रकाशित किसी भी त्रुटी के लिए vidyahindi.com जिम्मेदार नही होगा और न ही content writer.)

समास हिन्दी व्याकरण का महत्वपूर्ण Topic है अतः जो भी हिन्दी विषय की तैयारी कर रहे है , वह समास रचना पर विशेष ध्यान दें ।

धन्यवाद

अगर आपके कोई सुझाव हो तो कृप्या कर Comment Box में Comment करें ।

Latest Updates पाने के लिए  Vidyahindi.com के Facebook page, Twitter Account, Instagram Account, YouTube Channel को Follow करें । हमारे Social media Links नीचे मौजूद है ।

" Jai Hind"

Post a Comment

0Comments

कृपया कमेंट बॉक्स में कोई भी स्पैम लिंक न डालें।

Post a Comment (0)