समास रचना और समास के प्रकार व परिभाषा
भाषा को सशक्त और प्रभावपूर्ण बनाने के लिए समास एक महत्वपूर्ण व्याकरणिक उपकरण है । वस्तुतः समास का संबंध भाषागत संक्षेपन कला से है ।
मेरा यह Article विद्यालय में पढ़ रहे छात्र - छात्राओं तथा विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओ की तैयारी कर रहें अभियार्थियो के लिए लाभदायक सिद्ध होगा ।
अत: मन लगाकर मेहनत करो और उदाहरण रटने की बजाय आप concept clear करने पर ध्यान दो ।
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समास की परिभाषा - "एक दूसरे के निकटस्थ दो या दो से अधिक शब्द मिलकर जब एक सार्थक शब्द बनाते हैं, तो उसे समास कहते हैं ।"
समास-विग्रह - सामासिक पद को अलग-अलग करके लिखना समास-विग्रह कहलाता है ।
जैसे -: गंगाजल - गंगा का जल
सामासिक पद - समास प्रक्रिया के बाद जो शब्द निर्मित होते हैं , उन्हें समासिक पद कहते हैं ।
समास के भेद - समास 6 प्रकार के होते हैं -
1. तत्पुरुष समास
2. कर्मधारय समास
3. द्विगु समास
4. द्वन्द्व समास
5. अव्ययीभाव समास
6. बहुव्रीही समास
समास के भेदो की व्याख्या
1. तत्पुरुष समास -: तत्पुरुष समास में पूर्व पद गौण व उत्तरपद प्रधान होता है । इस समास के दोनों पद संज्ञा होते हैं । पूर्व पद के साथ कर्त्ता व संबोधन को छोड़कर कर्म कारक से लेकर अधिकरण कारक तक की विभक्तियों का लोप रहता है ।
इस आधार पर तत्पुरुष समास के छः भेद होते है , जिन्हे कर्म - तत्पुरुष , करण - तत्पुरुष आदी कहकर संबोधित करते है ।
तत्पुरुष समास के उदाहरण
1. गगनचुंबी - गगन को चूमने वाला (कर्म-तत्पुरुष )
2. प्रज्ञाहीन - प्रज्ञा से हीन ( करण - तत्पुरुष )
3. रसोईघर - रसोई के लिए घर (सम्प्रदान-तत्पुरुष)
4. रोगमुक्त - रोग से मुक्त ( अपादान - तत्पुरुष )
5. विद्यालय - विद्या का आलय ( सम्बन्ध- तत्पुरुष)
6. नरश्रेष्ठ - नरों में श्रेष्ठ ( अधिकरण - तत्पुरुष)
2. कर्मधारय समास - इस समास में भी दूसरा पद ( उत्तर पद ) प्रधान होता है ,किंतु पहला पद ( पूर्व पद) विशेषण तथा दूसरा पद विशेष्य (संज्ञा) होता है अथवा एक पद उपमान तथा द्वितिय पद उपमेय होता है ।
कर्मधारय समास के उदाहरण
1. श्वेताम्बर - श्वेत है जो अम्बर
2. महापुरुष - महान है जो पुरुष
3. पीताम्बर - पीला है जो वस्त्र
4. महर्षि - महान है जो ऋषि
3. द्विगु समास - जिस समास का एक पद संख्यावाचक विशेषण होता है तथा पूर्वपद प्रधान होता है , उसे द्विगु समास कहते हैं ।
द्विगु समास के उदाहरण
1. त्रिलोक - तीन लोकों का समूह
2. सतसई - सात सौ दोहों का समाहार
3. सप्ताह - सात दिनों का समूह
4. द्वन्द्व समास - जिस समास में दोनों पदों की प्रधानता होती है , जिसमें जोड़ने वाले अवयव और का लोप होता है उसे द्वंद्व समास कहते हैं ।
द्वन्द्व समास के उदाहरण
1. रात-दिन - रात और दिन
2. राजा-रानी - राजा और रानी
3. दाल-रोटी - दाल और रोटी
5. अव्ययीभाव समास - जिस समास में पहला पद प्राय: अव्यय व दूसरा पद संज्ञा होता है और पूरा समासिक पद क्रियाविशेषण अव्यय होता है , उसे अव्ययीभाव समास कहते हैं ।
अव्ययीभाव समास के उदाहरण
1. यथाशक्ति - शक्ति के अनुसार
2. भरपेट - पेट भरकर
3. दिनभर - सारे दिन
4. प्रतिवर्ष - वर्ष - वर्ष
6. बहुव्रीहि समास - जिस समास में दोनों पदों में से कोई भी पद प्रधान नहीं होता ,अपितु अन्य पद प्रधान होता है , वहां बहुव्रीहि समास होता है ।
बहुव्रीहि समास के उदाहरण
1. महावीर - महान् है जो वीर - भगवान महावीर
2. लम्बोदर - लम्बा है उदर जिसका अर्थात् गणेश
3. दशानन - दस है आनन जिसके (रावण)
4. वीणापाणि - वीणा है जिसके पाणि (हाथ) में अर्थात् सरस्वती माता ।
इस प्रकार से ये थे समास रचना के नियम , समास की परिभाषा और समास विग्रह के प्रकार ।
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समास हिन्दी व्याकरण का महत्वपूर्ण Topic है अतः जो भी हिन्दी विषय की तैयारी कर रहे है , वह समास रचना पर विशेष ध्यान दें ।
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